मुंबई, 03 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। देश में कोरोना संक्रमण के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ते नजर आ रहे हैं। गुजरात के अहमदाबाद में बीते 24 घंटे के भीतर 60 नए कोरोना मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि राजकोट में एसपी हिमकर सिंह की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है और वे फिलहाल होम आइसोलेशन में हैं। पिछले 24 घंटे में देशभर में कोरोना संक्रमण के कारण 5 लोगों की मौत हुई है। इनमें एक-एक मौत केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में जबकि दो मौतें महाराष्ट्र में दर्ज की गई हैं। जनवरी 2025 से अब तक देश में कोरोना संक्रमण से 38 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से 31 की मौत पिछले चार दिनों में हुई है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 10 मौतें हुई हैं। वर्तमान में देश में कुल 4,026 एक्टिव कोरोना केस हैं। इनमें से 50 प्रतिशत केस सिर्फ महाराष्ट्र और केरल से सामने आए हैं। केरल में सबसे ज्यादा 1,446 एक्टिव केस हैं, इसके बाद महाराष्ट्र में 494, गुजरात में 397 और दिल्ली में 393 मरीज सक्रिय हैं। 22 मई को देश में केवल 257 एक्टिव केस थे, जो 31 मई तक बढ़कर 3,395 हो गए। इसके बाद मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। इस बीच लगभग 2700 मरीज स्वस्थ भी हुए हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने इस स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कोविड की अगली महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, बल्कि अभी भी सक्रिय है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से सैंपल कलेक्शन सेंटर और ट्रांसपोर्ट नीति से जुड़ी तैयारियों की जानकारी मांगी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि 30 मई 2023 को हुई बैठक के निर्णयों के लागू होने में यदि कोई कमी पाई जाती है तो यह एक गंभीर मसला होगा। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि देश कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। केंद्रीय स्वास्थ्य और आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने बताया कि केंद्र और राज्य स्तर पर स्वास्थ्य विभाग सतर्क हैं और हर राज्य की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछली लहरों में बनाए गए ऑक्सीजन प्लांट और ICU सुविधाओं की समीक्षा पूरी हो चुकी है और आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं।
भारत में कोरोना के चार नए वैरिएंट की पहचान हुई है। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से लिए गए सैंपल में LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 जैसे नए वैरिएंट पाए गए हैं। अन्य क्षेत्रों से भी सैंपल लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है ताकि नए वैरिएंट की पहचान हो सके। हालांकि इन वैरिएंट्स को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने गंभीर नहीं माना है, लेकिन इन्हें निगरानी के तहत रखा गया है। NB.1.8.1 वैरिएंट में मौजूद स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन जैसे A435S, V445H और T478I इसे अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलने में सक्षम बनाते हैं और इन पर बनी हुई इम्युनिटी का असर कम होता है। भारत में फिलहाल JN.1 वैरिएंट सबसे आम है, जो टेस्टिंग के दौरान आधे से अधिक सैंपल में पाया गया है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट्स भी सामने आए हैं।