बनारस न्यूज डेस्क: कश्मीर और पहाड़ी इलाकों में मानसून की तबाही और लंबे समय तक अवरुद्ध रहने वाले रास्तों के कारण पूर्वांचल में सेब की कीमतें लगातार ऊंची बनी हुई थीं, लेकिन अब पहड़िया मंडी में कश्मीरी सेब की अचानक बढ़ी आवक ने बाजार पर असर डाल दिया है।
व्यापारी बता रहे हैं कि हाल ही में कश्मीर का नेशनल हाईवे लगभग 15 से 20 दिन बंद रहा, जिससे सेब की गाड़ियां रास्ते में ही फंस गईं। जैसे ही सड़क खुली, सभी गाड़ियां एक साथ मंडी पहुंच गईं और माल की आवक अचानक बढ़ने लगी। इससे व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
मंडी के व्यापारी चांद भाई, हाजी तौफीक, गुलजार अहमद, रमेश सोनकर और गोपाल सोनकर के मुताबिक, अब कश्मीरी सेब का थोक रेट 30 से 50 रुपए प्रति किलो पर आ गया है, जबकि बाजार में यही सेब 70 से 100 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। अभी भी दर्जनों गाड़ियां ग्राहकों के इंतजार में खड़ी हैं और व्यापारी इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं।
व्यापारी यह भी बता रहे हैं कि कश्मीरी सेब की गुणवत्ता पर असर पड़ा है, जिससे ग्राहकों की खरीदारी में संकोच हो रहा है। मंडी में माल की अधिकता के कारण व्यापारियों को अब अपने स्टॉक को बेचने में संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से मदद की अपील की है ताकि इस संकट से बाहर निकला जा सके और बाजार में रेट में स्थिरता लौट सके।