बनारस न्यूज डेस्क: वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के साथ लगातार ठगी और बदसलूकी की घटनाएं सामने आ रही थीं। फर्जी पंडे-पुजारी खुद को मंदिर का असली सेवक बताकर श्रद्धालुओं से ‘सुगम दर्शन’ और ‘VIP दर्शन’ का लालच देते थे और मोटी रकम वसूलते थे। अब इस मामले को गंभीरता से लेते हुए वाराणसी पुलिस ने सख्त एक्शन लिया है।
दशाश्वमेध सर्किल के एसीपी डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी की अगुवाई में दशाश्वमेध और चौक थाना इलाकों में खास अभियान चलाया गया। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने कुल 21 फर्जी पंडा-पुजारियों को पकड़ा – जिनमें 16 को दशाश्वमेध से और 5 को चौक क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। ये सभी लोग श्रद्धालुओं को गुमराह करके उनसे पैसे ऐंठते थे और अक्सर उनके साथ अभद्रता भी करते थे।
पुलिस जांच में पता चला कि ये फर्जी पुजारी पारंपरिक वेशभूषा पहनते थे ताकि लोग उन्हें असली समझें। काशी विश्वनाथ मंदिर में कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ गई है, और इसी भीड़भाड़ का फायदा उठाकर ये ठग आसानी से अपने जाल में लोगों को फंसा लेते थे।
एसीपी डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस ने दो टीमें बनाकर एक साथ दोनों इलाकों में छापेमारी की। उन्होंने कहा कि ये लोग दर्शन के नाम पर न सिर्फ ठगी करते थे, बल्कि श्रद्धालुओं से बदतमीज़ी भी करते थे। पुलिस का कहना है कि आगे भी ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है, ताकि किसी श्रद्धालु के साथ गलत न हो।