बनारस न्यूज डेस्क: बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मोजांबिक को कुल 10 आधुनिक डीजल-इलेक्ट्रिक रेल इंजनों की आपूर्ति के लिए हुए समझौते के तहत दो इंजनों का निर्माण पूरा कर लिया गया है और उन्हें रवाना भी कर दिया गया है। इन इंजनों की शेष आठ यूनिट्स दिसंबर 2025 तक तैयार कर भेजने की योजना है। ये सभी इंजन मोजांबिक के केप गेज ट्रैक पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम होंगे।
ये 3300 हॉर्सपावर वाले डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। इनमें चालक दल के लिए रेफ्रिजरेटर, हॉट प्लेट, मोबाइल होल्डर और शौचालय जैसी सुविधाएं भी दी गई हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं। इन सुविधाओं से न केवल इंजन की कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि कर्मचारियों को भी बेहतर कार्य-परिस्थितियां मिलेंगी।
बरेका के महाप्रबंधक नरेशपाल सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि भारत की तकनीकी ताकत और ‘मेक इन इंडिया–मेक फॉर द वर्ल्ड’ विज़न की सफलता का प्रतीक है। मोजांबिक को इन इंजनों की आपूर्ति से भारत की आत्मनिर्भरता और वैश्विक तकनीकी सहयोग की दिशा में एक और मजबूत कदम बढ़ा है। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी भारत की इंजीनियरिंग क्षमताओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाई देती है।
1956 में स्थापित बरेका अब तक भारतीय रेलवे, खनन, इस्पात उद्योग, बंदरगाहों और निर्यात के लिए 10,000 से अधिक लोकोमोटिव बना चुका है। 1976 में तंजानिया को पहला इंजन भेजने के बाद से वियतनाम, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया, अंगोला और सूडान सहित कई देशों को बरेका में बने इंजन भेजे गए हैं। बरेका, रेलवे उत्पादन इकाई के तौर पर भारत की वैश्विक पहचान बनाता जा रहा है।