वाराणसी न्यूज डेस्क: वाराणसी के बलुआ घाट पर बारादरी की गुंबदनुमा छत ढहने से एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। इस मामले में ठेकेदार ओम प्रकाश पांडेय के खिलाफ रामनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रवीन कुमार शर्मा की शिकायत पर ओम प्रकाश के खिलाफ लापरवाही से काम करने के आरोप में कार्रवाई की गई है। हालांकि, इस मामले में कार्यदायी संस्था के जिम्मेदार अधिकारियों को बचा लिया गया है, जिन्होंने काम की देखरेख की थी। उनके नाम शिकायत में नहीं हैं, जिससे सवाल उठता है कि क्या वे वास्तव में दोषमुक्त हैं?
इस मामले की जांच के लिए टेक्निकल ऑडिट कमेटी (टीएसी) से जांच कराने की सिफारिश की गई है, ताकि घटना के कारणों और जिम्मेदारियों का पता लगाया जा सके। इसके अलावा, यूपीपीसीएल ने दो अधिकारियों, सहायक परियोजना प्रबंधक दिलीप कुमार और अवर अभियंता रेनू जायसवाल को निलंबित कर दिया है और उन्हें प्रयागराज में अटैच कर दिया है। साथ ही, फर्म के सभी कार्यों और भुगतानों पर रोक लगा दी गई है, ताकि आगे कोई अनियमितता न हो।
रामनगर किले के पास गंगा नदी के किनारे स्थित बलुआ घाट के सौंदर्यीकरण का काम चल रहा था। बृहस्पतिवार को चंदौली के परोरवा गांव के 60 वर्षीय बुजुर्ग मेवालाल उर्फ बाबाजी बलुआ घाट पर बारादरी में बैठकर लाई-चना खा रहे थे। अचानक, बारादरी की गुंबदनुमा छत भरभराकर गिर गई और मेवालाल उसके नीचे दब गए। इस हादसे में मेवालाल की मौके पर ही मौत हो गई।
परियोजना प्रबंधक प्रवीन कुमार शर्मा ने पुलिस को सूचित किया कि बलुआ घाट के सुंदरीकरण का काम ठेकेदार ओम प्रकाश पांडेय कर रहे थे, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि ठेकेदार हादसे के लिए जिम्मेदार है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। रामनगर थानाध्यक्ष राजू सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। यह मामला ठेकेदार की लापरवाही और अनियमितताओं को दर्शाता है, जिसके परिणामस्वरूप एक व्यक्ति की मौत हुई है।